Wednesday, September 1, 2010

गलती...

एक नेता अपने
भाषण मे बोले
लोग कहेते है
में रुपये का लालची हुं
यह बात बेबुनियाद है
इसमे विपक्षकी चाल है!
 
में तो गांधीजीका
वो चाहक हुं जो उनकी
हर तसवीर को
सीने से लगाकर फिरता है
अब तसवीर नोट पर छपी हो
उसमे क्या मेरी गलती है?
 
योगेन्दु जोषी : ०१/०९/२०१०

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